Joy of Giving: इस दीपावली ये उपहार बांटें, जिससे आपकी और दूसरों की दोनों की खुशियां बढ़ जाएंगी
Joy of Giving: इस दीपावली ये उपहार बांटेंदीपावली सिर्फ़ रोशनी और मिठाई का त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जब हम अपने आस-पास खुशियां बांटकर असली आनंद पा सकते हैं। असली मिठास सिर्फ़ मिठाई में नहीं, बल्कि दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने में छिपी है। यही है ‘Joy of Giving’ — देने का सुख, जो दिलों को सच्चे अर्थों में रोशन कर देता है।
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‘देने का सुख’ ही सबसे बड़ा सुख
इस बार जब आप अपने घर को दीयों से सजाएं, तो किसी और की जिंदगी में भी रोशनी भरें।
‘Joy of Giving Week’ (2 से 8 अक्टूबर) हमें सिखाता है कि जैसे एक दीया अंधेरे को मिटा देता है, वैसे ही हमारी छोटी-सी कोशिश किसी के जीवन में उजाला ला सकती है।
एक सच्ची मुस्कान, एक सादा तोहफा, या किसी के लिए थोड़ा-सा समय — यही असली दीपावली है।
बचपन की मुस्कान लौटाएं
दीपावली के समय गली-मोहल्ले के छोटे बच्चे पटाखों और खिलौनों की दुकानों को देखकर चमक उठते हैं। क्यों न इस बार उनकी मुस्कान लौटाएं?
आप उनके लिए बोर्ड गेम्स, कॉमिक्स, क्रिकेट बैट, फुटबॉल, रंग भरने की कॉपी, पेंसिलें या किताबें भेंट कर सकते हैं। यह सब उनके लिए किसी खज़ाने से कम नहीं होगा।
“एक छोटी-सी गिफ्ट भी किसी बच्चे की पूरी दिवाली बना सकती है।”
छोटी मदद, बड़ी राहत
हर मोहल्ले या अपार्टमेंट में कुछ ऐसे बुज़ुर्ग लोग होते हैं जिनके बच्चे दूर रहते हैं। उनके लिए सबसे बड़ा तोहफ़ा है — आपका थोड़ा-सा समय।
रोज़ 10 मिनट बात करना, उन्हें पूजा की सामग्री देना, घर सजाने में मदद करना या ठंड के मौसम में एक गर्म शॉल भेंट करना — यह सब उनके लिए अमूल्य है।
आप चाहें तो उन्हें दीपावली पार्टी में बुलाएं, उनके पुराने फोटोज़ प्रिंट करवाकर सरप्राइज दें — ये पल उनके लिए यादगार बन जाएंगे।

Joy of Giving
पड़ोस में खुशियां फैलाएं
आज के समय में पड़ोसी रिश्ते कमज़ोर हो रहे हैं।
त्योहार फिर से जुड़ने का सबसे अच्छा मौका होते हैं।
घर में बनी मिठाई या नमकीन एक छोटे डिब्बे में रखकर पड़ोसियों को देना, बच्चों के साथ पुरानी दिवाली की कहानियां साझा करना — यह सब रिश्तों में नई मिठास लाता है।
एक तुलसी पौधा या मनी प्लांट उपहार में देना भी घर और दिल दोनों को हरियाली से भर देता है।
अपनों को सम्मान का उपहार दें
ड्राइवर, सिक्योरिटी गार्ड, हाउस हेल्प या ऑफिस बॉय — ये सभी हमारे जीवन का हिस्सा हैं।
इस दीपावली उन्हें भी प्यार और सम्मान का उपहार दें।
स्वेटर, मिठाई का डिब्बा, बच्चों के लिए स्टेशनरी या दिवाली बोनस — यह सब उनके लिए खुशी का कारण बन सकता है।
याद रखें, कभी-कभी “सम्मान के दो शब्द” भी सबसे बड़ा तोहफ़ा होते हैं।
काम आने वाले तोहफे दें
घर की सफाई या खाना बनाने वाली दीदी/आंटी के लिए भी दीपावली खास बनाएं।
आप उन्हें साड़ी, स्कूल बैग, जूते-चप्पल, किताबें या प्रेशर कुकर जैसे उपयोगी गिफ्ट दे सकते हैं।
ये छोटे-छोटे उपहार उनके जीवन में सुविधा और सम्मान दोनों लाते हैं।
देने का एक और रूप — अपनी स्किल्स साझा करें
हर उपहार सामान नहीं होता।
आप अपनी कौशल (Skills) भी शेयर कर सकते हैं।
अगर आप कुकिंग में अच्छे हैं, तो किसी पड़ोसन को मिठाई बनाना सिखाएं।
अगर आप टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हैं, तो किसी बुज़ुर्ग को मोबाइल पेमेंट या वीडियो कॉल करना सिखाएं।
अगर आप पढ़ाई में अच्छे हैं, तो किसी बच्चे को कुछ घंटे ट्यूशन दें।
आपकी स्किल भी किसी के जीवन में नया उजाला भर सकती है।
क्यों ज़रूरी है ‘देना’?
जब हम दूसरों को कुछ देते हैं, तो दरअसल वह चीज़ सिर्फ़ उनके घर नहीं, बल्कि हमारे दिल में भी एक गर्माहट छोड़ जाती है।
देने का दिल बड़ा होना चाहिए, यही हमारे रिश्तों को रोशन करता है।
इस दीपावली, सिर्फ़ घर नहीं, अपने मन को भी सजाएं।
दीप तेल और बाती से नहीं, बल्कि दूसरों की आंखों की चमक और मुस्कान से भी जगमगाते हैं।