these 6 banks in Minimum balance free savings account: इन 6 बैंकों में न्यूनतम बैलेंस फ्री सेविंग अकाउंट
these 6 banks in Minimum balance free savings account: इन प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एएमबी (औसत मासिक शेष) की व्यवस्था पूरी तरह से हटा दी है, जिससे ग्राहकों को मिनिमम बैलेंस न रखने की कोई पेनल्टी नहीं लगेगी
अगर आपका खाता इन बैंकों में है, तो अब आप बिना न्यूनतम बैलेंस की चिंता किए फ्री सेविंग्स खाता रख सकते हैं। जो ग्राहक AMB बनाए रखने के दबाव में थे, उन्हें अब राहत मिली है। यह कदम भारत में वित्तीय समावेशन को और सशक्त बनाएगा और डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देगा।
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यानी औसत मासिक शेष क्या है?:these 6 banks in Minimum balance free savings account:
यह वह न्यूनतम बैलेंस है जो ग्राहक को हर महीने अपने बचत खाते में रखना होता है। महीना खत्म होने पर बैंक इसका औसत निकालता है, और अगर यह बैलेंस कम हो जाए तो जुर्माना लगता है।
these 6 banks in Minimum balance free savings account:इन बैंकों ने AMB की पेनल्टी हटा दी है:
बैंक | प्रभावी तिथि | विवरण |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) | 2020 से | सबसे पहले AMB हटाने वाला PSU बैंक था, जिससे नए खाता धारकों को फायदा हुआ |
केनरा बैंक | May 2025 | नियमित बचत, वेतन और एनआरआई खातों पर AMB की आवश्यकता हटा दी गई |
बैंक ऑफ बड़ौदा(BOB) | 01.07. 25 | सभी मानक बचत खातों पर न्यूनतम बैलेंस की पेनल्टी खत्म |
इंडियन बैंक | 07.07. 2025 | सभी बचत खातों में AMB पेनल्टी पूरी तरह से समाप्त |
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) | 01.07.2025 | महिलाओं, किसानों, और कम‑आय वाले गृहस्थों के लिए AMB पेनल्टी पूरी तरह हटाई गई |
बैंक ऑफ इंडिया | July 2025 | SAVING accounts में AMB की पेनल्टी पूरी तरह हटा दी गई |
क्यों ये फैसला?
- वित्त मंत्रालय और बैंक प्रबंधन ने CASA (Current & Savings Account) जमा घटने पर विचार किया और AMB पेनल्टी को हटाना एक सकारात्मक ग्राहक‑मित्र रणनीति मानी ।
- डिजिटल बैंकिंग के कारण संचालन लागत में कमी आई है, जिससे AMB पेनल्टी रणनीति की आवश्यकता घट गई ।
- इससे ग्रामीण, महिलाओं, किसानों और कम‑आय वर्ग के लिए बैंकिंग और सुलभ होगी।
ग्राहकों को क्या लाभ? :these 6 banks in Minimum balance free savings account
- अब खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखना — चाहे शून्य शेष हो – तो भी कोई जुर्माना नहीं।
- पहली बार खाता खोलने वालों को शुरुआती राहत, विशेषकर SBI के 2020 कदम के बाद ।
- यह समावेशी बैंकिंग को बढ़ावा देता है और वित्तीय दबाव को कम करता है।
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